ब्रह्मांड अस्त्र (Brahmanda Astra)-Powerfull Than Pashupatastra & Narayanastra?Mythak Tv की
अधिकृत वेबसाइट में आपका स्वागत हे पिछले कुछ लेखो में हमने आपको ब्रह्माजी के
बनाये ब्रह्मास्त्र और ब्रह्मशिर अस्त्र के बारे में बताया था. आज के लेख में हम बात
करेंगे ब्रह्मदंड/ब्रह्मांडास्त्र की.
ब्रह्मदंड/ब्रह्मांडास्त्र और ब्रह्मशिर (Brahmanda Astra/ Brahmadanda)
ब्रह्मास्त्र ब्रह्माजी के एक सर को निर्देशित करता हे, ब्रम्हाशिर चार सरो को निर्देशित (represent) करता हे तो ब्रम्हादंड ब्रम्हाजी के पांचो सरो को (ब्रह्माजी
का पांचवा सर भगवान शिव ने काटा था, और इसीकारण ब्रह्माजी के चार ही सर हे.) यानि
पूर्ण भगवन ब्रम्हा को निर्देशित (represent) करता हे.
महाभारत में ब्रम्हाशिर का उपयोग कर्ण, अर्जुन, अश्वथामा, गुरु द्रोन, भीष्म को पता था तो ब्रम्हादंड का उपयोग करना सिर्फ भीष्म, गुरु द्रोन और कर्ण को पता था.
ब्रह्मदंड- दुनिया का सबसे भयानक अस्त्र (Brahmanda Astra- Most Powerfull Weapon)
पूर्ण ब्रह्म को
निर्देशित करने के कारन ब्रह्मदंड दुनिया का सबसे भयानक अस्र हे. प्राचीन भारतीय cosmology(शास्त्र जो तारो और आकाशगंगाओ का अभ्यास करता हे) के अनुसार ये १४ आकाशगंगाओ का विनाश करने की
काबिलियत रखता हे. पुरानो में आजतक इसे सिर्फ ब्रम्हास्र या ब्रम्हाशिर को निरस्त
करने हेतु बचाव या defencive purpose से चलाया गया हे और तब इसने ब्रम्हास्र और
ब्रम्हाशिर की निगल लिया था.
ब्रह्मदंड या पाशुपतास्त्र या नारायणास्त्र?(Brahmanda Astra vs Pashupatastra vs Narayanastra)
अध्यात्मिक विद्वानों में ये
चर्चाये अकसर होती रहती हे की, ब्रह्मदंड ज्यादा शक्तिशाली हे या पाशुपतास्त्र. एकबार
ऋषि वशिष्ट और ऋषि विश्वामित्र के युद्ध होता हे. इस युद्ध के दौरान ऋषि
विश्वामित्र ब्रम्हास्र का उपयोग करते हे तो अपने बचाव के लिए ऋषि वशिष्ट
ब्रम्हादंड का उपयोग करते हे तब वशिष्ट द्वारा छोड़ा ब्रम्हादंड ब्रम्हास्र को निगल
लेता हे. ब्रह्मदंड विश्वामित्र द्वारा बादमे छोड़े सभी अस्त्रों को भी निगल लेता
हे. (कुछ कथाओ के अनुसार ऋषि वशिष्ठ के खिलाफ ऋषि विश्वामित्र ने पाशुपतास्त्र का
उपयोग भी किया था जिसे ब्रह्मदंड ने निगल लिया). विश्वामित्र उन गिने-चुने
लोगोमेसे थे जिन्हें पाशुपतास्त्र अवगत था.
पाशुपतास्त्र के साथ साथ कुछ
लोग ये भी मानते हे की नारायण अस्त्र सबसे शक्तिशाली अस्त्र हे. पर वशिष्ठ और
विश्वामित्र के युद्ध में विश्वामित्र ने नारायणअस्त्र का भी प्रयोग किया था जिसे
भी ब्रह्मदंड ने निगल लिया था.
ब्रह्मदंड का वर्णन (Brahmadanda Description)
प्राचीन वर्णनों के अनुसार ब्रह्मांडास्त्र के प्रभाव में सारे समुद्र भाप बन जायेंगे और पृथ्वी और पर्वत हवा में उड़ने लगेंगे. ये अस्र इतना भयानक होगा की ये सब कुछ नष्ट कर देगा और बादमे राख तो क्या कुछ भी नहीं मिलेगा.
ब्रह्मांडास्त्र और आधुनिक विज्ञान(Modern Science and Brahmanda Astra)
आजतक की आधुनिक विज्ञानं की पोहच को देखकर हम विचार करे तो शायद ब्रम्हादंड किसी controlled कृष्णविवर (ब्लैक होल) की तरह था. जिस तरह ब्लैक होल बड़ेसे बड़े तारे को निगल लेता हे उसीतरह ये अस्त्र महानतम दिव्यस्रो को निगल लेता था. अगर ब्रह्मांडास्त्र को पूर्ण शक्ति से चला दिया जाय तो ये १४ आकाशगंगाओ को नष्ट कर सकता था. आधुनिक विज्ञानं अभीतक इन कृष्णविवरों के बारे में जान नहीं पाया तो ऐसे अस्त्र का निर्माण करना आजतक आधुनिक विज्ञान की कल्पना में भी नहीं हे.ब्रह्मदंड से जुडी कथाये (Stories Related to Brahmadand)
महाभारत युद्ध के समय गुरु
द्रोंन ब्रम्हादंड का उपयोग पांडव सेना पर करने वाले थे तब देवताओ ने उनसे
प्रार्थना की की " ये पांडवो की और से लढ रहे हर व्यक्ति के सहित उसकी
आनेवाली पीढियों तक का नाश कर देगा" और तब मानवजाति के कल्याण के लिए गुरु
द्रोन ने इसका प्रयोग नहीं किया.
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हमें बताये. आप क्या सोचते हे कोनसा अस्त्र ज्यादा ताकदवर रहा होगा? पाशुपतास्त्र?
नारायणास्त्र?? या फिर ब्रह्मांडास्त्र?? कमेन्ट के जरिये बताये. साथ ही इसे अपने
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