ब्रह्मशिरा अस्त्र (Brahmashira astra)- A Nanotechnological Weapon ! हालही के कुछ सालो से दुनिया में NANOROBOT नाम से एक नया संशोधन हो रहा हे जहा NANO Technology(अतीसूक्ष्म चीजो का तंत्रज्ञान) के जरिये हम अपने शरीर के अंदरूनी Parts को ठीक कर सकते हे. इस विज्ञानं की सहायता से अतिसूक्ष्म रोबो शरीर के अन्दर जाकर अत्यंत जटिल शस्राक्रियाये बिना किसी अंग को काटे बिना कर सकेंगे. पर क्या आपको पता हे? शायद इस विज्ञानं से जुड़े राज हमारे पूर्वजो के पहले से पता थे और शायद प्राचीन भारतीयो ने इस तंत्रज्ञान पर आधारित अस्र महाभारत काल से पहले ही बना रखे थे. नमस्कार मित्रो स्वागत हे आपका मिथक टीवी कि अधिकृत website पर. ब्रह्मास्त्र के लेख मे हमने आपको ब्रह्माजी के बनाये दो अलग अस्त्र ब्रह्म-शीर-अस्त्र और ब्रह्मदंड(ब्राह्मदंडी/ब्रह्मांडास्त्र) के बारे मे बताया था, आज हम इन्ही दो अस्त्रो के बारे मे जानेंगे.
Brahmashira A Nanotechnology weapon

ब्रह्मशिरा अस्त्र (Brahmashirsha astra)

ब्रम्हास्र की तुलना हम आज के नुक्लेअर या हाइड्रोजन बम से कर सकते तो ब्रम्हशिर की तुलना हम किसी nano-technology से बने अस्र से कर सकते हे,  ब्रह्मास्त्र के लेख में हमने आपसे कहा था की भगवान ब्रम्हा ब्रम्हांड के रचयिता हे इसीलिए ब्रम्हास्र ब्रम्हांड में बनी हर एक चीज को नष्ट करने में काबिल हे. पुरानो के अनुसार ब्रम्हाशिर अस्र ब्रम्हास्र से ४ गुना ज्यादा शक्तिशाली होता हे. और इसी कारन ब्रम्हाशिर अस्र इंसान, असुर इनको तो मार ही सकता हे साथही ब्रम्हाशिर में देवो को मारने की भी काबिलियत थी. महाभारत में आये एक वर्णन के अनुसार ब्रम्हास्र ब्रम्हाजी के सिर्फ एक सर को निर्देशित (represent) करता हे तो ब्रम्हाशिर ब्रम्हाजी के चारो के चारो सरो को निर्देशित (represent) करता हे. ब्रम्ह्शिर को अगर अपनी पूरी शक्ति से चला दिया जाय तो ये पूरी पृथ्वी को नष्ट करने की काबिलियत रखता था.
Lord Brahma weapon Brahmashira

पुरानो के अध्ययन, और वर्णित कथाओ से हमें ये पता चलता हे, की से अस्त्र एक तकनीक की तरह होते थे, जिस तरह एक हेलीकाप्टर(जो काफी बड़ा हे) उसी तकनिकी का उपयोग बड़े काम करने के लिए करता जिस तकनिकी का उपयोग ड्रोन(आकार में काफी छोटा) कुछ विशेष काम करने के लिए करता हे. उसी तरह ब्रह्मशिर, ब्रह्मदंड, पाशुपतास्त्र ये अस्त्र होने के साथ साथ एक तकनीक भी थे. और हम इन अस्रो को एक limited या विशिष्ट मर्यादित उद्देश के लिए यानी अपनी पूर्ण शक्ति से काफी कम पर बहोत ही विशिष्ट काम के लिए भी चला सकते थे.

ब्रह्मशिरा एक तकनीक(Nanotechnological Weapon)- कथाये

उदहारण के तौर पर हम आपको महाभारत की कथा बताते हे. महाभारत युद्ध के आखरी दिनों में, बदले की आग में तड़प रहे अश्वथामा ने एक रात्रि ने सारे उप-पांडवो को रात में मार डाला. पांडवो का वंश लगभग ख़त्म हो चूका था. पर उत्तरा के गर्भ में अभी एक उप-पांडव था. अश्वथामा उसे भी नष्ट करना चाहता था तब स्रीहत्या(उत्तरा को मारे बिना) करे बगैर अश्वथामा उत्तरा के गर्भ में पल रहे पांडवपुत्र परीक्षित को मारना चाहता था.
Ashwathama Bramhashira use to Kill Parikshita

तब अश्वथामा ने ब्रह्मशिरअस्त्र का उपयोग उत्तरा के गर्भ पर अकेले बचे हुए पांडवो के वंशज परीक्षित का नाश करने के लिए किया था, और इसका उपयोग उत्तरा के गर्भ(परीक्षित) को मारना था बिना उत्तरा को खरोच दिए. और आज तक के मनुष्य के ज्ञान और विज्ञानं के अनुसार ये NANO-technology के बिना हो सके. (जो विज्ञानं जो पुरे विश्व को नष्ट कर सकता हो, और साथही छोटा काम भी). उस वक्त अर्जुन ने ब्राह्म्शीर अस्त्र चलाकर परीक्षित कि रक्षा कि थी.

ब्रह्मशिरा अस्त्र (Brahmashirsha astra) के वर्णन 

पुराणो मे वर्णनों के अनुसार जब ब्रम्हाशिर को युद्ध में छोड़ा जाता हे तो "भयानक अग्निवर्षा, बारिश के साथ हजारो उल्काये गिरती हे, युद्ध के बाद भी इस जगह १२ साल तक पानी की एक बूंद तक नहीं गिरती." 
Description Of Brahmashira

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