राम रावण अंतिम युद्ध(Ram Ravana Finale Battle)
राम रावण अंतिम युद्ध(Ram Ravana Finale Battle)! महाभारत इन्सान को धर्म-अधर्म के फेरे मे उलझा देती हे. और हम समझ ही नही पाते की धर्म क्या हे और अधर्म क्या हे. पर रामायण उस निर्मल जल की तरह हे जो हमे सिर्फ नैतिकता और धर्म सिखाता हे. प्रभु श्रीरामने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए कभी किसी छल का सहारा नही लिया और इसीकारण रामायण में महाभारत की तरह धर्म ने कभी पलड़ा नही बदला. और न ही कभी किसी को उलझन मे डाला. आज के article में हम बात करेंगे भगवान राम और रावण (Rama and Ravana Battle) के युद्ध की
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रामायण और कांड (Ramayana Kands)
बहुतांश लोग टीवी के कारन ही रामायण को
जान पाए हे, पर टीवी सीरियल में कई अक्षम्य गलतिया हे, और हमारी आजकी कहानी
विशुद्ध वल्किमी रामायण के अनुसार बनी हे. जैसे महाभारत में पर्व हे उसी तरह रामायण
में कांड हे.
भगवान राम और रावण युद्ध (Lord Rama and Ravana Battle: Shloka)
भगवन राम और रावण के युद्ध का वर्णन युद्धकांड के १०७ और
१०८ वे अध्याय में मिलता हे. प्रभु श्रीराम इंद्र के दिव्य रथ जिसका सारथ्य मताली
कर रहा था और रावण भी अपने दिव्य रथमें बैठा था. दोनों युद्ध की घोषणा करते हे. भगवान राम और राक्षसराज रावण दोनों के
तिरो की बारिश से युद्धभूमि में रक्त की नदिया बहने लगती हे.
दोनों तरफ के योद्धा सबकुछ भूलकर इन दो
महान योद्धाओ का युद्ध देखने लगते हे. कोई किसी से कम न था, भयानक रणसंग्राम शुरू
था कोई भी पीछे हटने के लिए तैयार नहीं था.तब भगवान् रामने ने अपने तिरो से रावण के
रथ पर लगी ध्वजा को भेद दिया और ध्वजा टूटकर निचे गिर गई
तब क्रोधित रावण ने मताली पर तीर दागे, पर
मतालीने अपने आप को बचा लिया. तब भगवान रामने अपने एक अद्भुत तीर से रावण के सर को
धडसे अलग कर दिया... पर रावण के कटे सर की जगह एक दुसरे सर ने ली. प्रभु श्रीरामने
एक के बाद एक रावण के १०० सर काटे पर रावण तब भी जीवित था
ब्रह्मास्त्र और रावण का वध (Brahmastra and Ravana Death)
युद्ध लगातार ७ दिनों तक चलता रहा, तब
भगवन श्रीराम के सारथी बने मतालीने भगवन श्रीरामसे पूछा, भगवान आप जानते हुए भी
ऐसा क्यों कर रहे हो ? रावण को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करे.!! तब
भगवान् श्रीराम ने ब्रह्मास्त्र का आवाहन किया और आवाहित ब्रह्मास्त्र को रावण की
छाती पर मार दिया.
ब्रह्मास्त्र रावण का सीना चीरता हुवा
उसके प्राणों को ले गया. प्राणहीन रावण के हाथो से धनुष छूटकर धरती पर गिर गया
महाभारत और राम रावण युद्ध (Mahabharata and Rama Ravana Battle)
रावण की मृत्यु का वर्णन महाभारत के वन
पर्व के २७४वे अध्याय मेभी आता हे, इस अध्याय में सुनाई गयी कथा के अनुसार भगवान
श्रीरामने जो ब्रह्मास्त्र चलाया था उसने राक्षसराज रावण को जीवित जलाकर भस्म कर
दिया था, और रावण का हर अंग भस्म हो गया था. जबकि वाल्मीकि रामायण अनुसार रावण के
जीवित नही जला था... और वो जला ही नहीं था, रावण का शारीर सलामत था. पर प्रभु
श्रीराम द्वारा ब्रह्मास्त्रसे मारे जाने की बात दोनों कथाओ में समान हे.
असली रामायण और सिरियल्स कि रामायण (Real Ramayana and Serials)
अब आते हे हमारे ग्रंथोसे छेड़छाड़ करनेवाले
सीरियल्स से... मुख्यरूपसे वाल्मीकि रामायण और साथ ही महाभारत में सुनाई एक कथा
दोनों के अनुसार
1] रावण की नाभि में अमृत नहीं था, और
ब्रह्मदेव के वरदान के कारन रावण की मृत्यु सिर्फ ब्रह्मा द्वारा बनाये अस्त्रसेही
हो सकती थी
2] अब नाभि में अमृत था ही नहीं तो, बिबिशन
का उस रहस्य का बताना भी झूट हे
3] और रावण के महापराक्रम का भी उल्लेख नहीं
हे, जैसा की उसके पुत्र इन्द्रजीत का हे.. प्रभु राम और रावण का युद्ध कई दिन जरुर
चला पर इन दिनों में प्रभु रामने उसके १०० सरो को काट दिया यानी आप कह सकते हे की
उसे १०० बार मार दिया.
आपको कैसा लगा आजका article कमेन्ट में
जरुर बताये, साथ ही बताये की आप क्या सोचते हे रावण के बारे में.?