अश्वथामा- कुछ अनकहे रहस्य महाभारत के!! महाभारत के कुछ चुनिन्दा...
सबसे बेहतरीन योद्धाओ मेसे एक, अगर क्रोधित हो तो दुनिया का कोई भी योद्धा उसे
परास्त नहीं कर सकता था. न वो महलों में पला-बड़ा न ही वो किसी महान क्षत्रिय वंशसे
ताल्लुख रखता था. जिंदगीभर धर्म की राह पर चला पर आखिर क्रोधके अधीन होकर कुछ ऐसा
कर गया की... आजभी शापित जीवन जीता हे... आज के एपिसोड में हम बात करेंगे
द्रोनपुत्र अश्वथामा की. नमस्कार मित्रो स्वागत हे
आपका मिथक टीवी में, प्राचीन भारतीय कथा और इतिहास से जुडी रोचक कथाओ के लिए हमे पडते रहिये..
अश्वथामा से जुडे कूच रहस्य
१. अश्वथामा स्वयं भगवान
शिव का अंश था, वेदव्यास ने आदिपर्व में अश्वथामा को
क्रोध, यम, काम और शिवांश का अंशावतार बताया था. यही वजह हे जब अश्वथामा को क्रोध
आ जाता हे, तब उनके अन्दर का शिवांश सक्रीय हो जाता हे और वो युद्ध में भगवान् शिव
की तरह विनाश का तांडव करता था. क्रोधित अश्वथामा का सामना करनेवाला योद्धा तीनो
लोको में नहीं था. द्रोणाचार्य की हत्या के बाद अर्जुन ने कहा था की अश्वथामा अपनी
क्रोध की अग्नि में हम पांचो पांडवो को भस्म कर सकता हे.
२. अश्वथामा के पास दिव्यास्त्रोका भण्डार था, जिसमे नारायणअस्त्र, ब्रम्हाशिर अस्त्र, और भी भयानक अस्त्र शामिल
थे, महाभारत युद्ध के १५ वे दिन अश्वथामा ने अपने १ अग्निबाण से १ अक्षाहुनी पांडव
सेना को नष्ट किया था.
३. १४ वे दिन को रात्रि को
जब घटोत्कच कौरवो का भयानक संहार कर रहा था, तब अश्वथामा ने उसे पराजित कर भगा
दिया था, इसी युद्ध के दौरान उसने घटोत्कच के पुत्र अंजनपर्व का वध कर दिया था और
लगभग २ अक्षाहुनी राक्षसी सेना का संहार किया था... बाद में जब मध्यरात्री को जब
घटोत्कच की शक्तिया बढ़ गयी तब घटोत्कच ने अश्वथामा को पराजित किया था.. तब वो
द्रोणाचार्य के साथ वहा से भाग निकला था
४. जब अश्वथामा ने
नारायणअस्त्र का प्रयोग किया था, तब इस अस्त्र के सामने अर्जुन, भीम, युधिष्ठिर और
सभी पांडव वीरो ने घुटने टेक दिए थे. ये कहना काफी उचित होगा की वो महाभारत का
एकलौता ऐसा योद्धा था जिसने सिर्फ एक अस्त्र से पूरी की पूरी सेना को पराजित कर
दिया था.
५. महाभारत की १८ वि रात
को, अश्वथामा ने महादेव की आराधना कर उनसे चद्रहास तलवार प्राप्त कर ली थी, उसी
तलवार से अश्वथामा ने भयानक नरसंहार किया था. महादेव को प्रसन्न करने में अर्जुन
को १२ साल लगे थे, पर अश्वथामा ने कुछ ही घंटो में भगवान् शिव को प्रसन्न कर लिया
आपको अश्वथामा- कुछ अनकहे रहस्य महाभारत के कैसा लगा कमेंट कर के जरूर बताये.
अधिक पढे - रावण और चंद्रहास तलवार कि कहाणी
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